Rawat Publication Sociology Analysis And Perspective  (समाजशास्त्र – विवेचना एवं परिप्रेक्ष्य) By Ram Abhuja and Mukesh Abhuja Hindi Medium 

SKU: Samajshastra (समाजशास्त्र ) By Ram Abhuja
In Stock

280.00

Rawat Publication Sociology Analysis And Perspective  (समाजशास्त्र – विवेचना एवं परिप्रेक्ष्य) By Ram Abhuja and Mukesh Abhuja Hindi Medium

For any query call us +91 9718666453, 9136659439 Email at: support@sparklecopier.com and Whatsapp at – https://wa.me/919718666453

In Stock

Description

Rawat Publication Sociology Analysis And Perspective  (समाजशास्त्र – विवेचना एवं परिप्रेक्ष्य) By Ram Abhuja and Mukesh Abhuja Hindi Medium
Total Pages:-452

ABOUT THE BOOK
प्रस्तुत पुस्तक समाजशास्त्र की महत्वपूर्ण अवधारणाओं को समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने का एक लघु किन्तु परिश्रमसाध्य प्रयास है। कुल उन्नीस अध्यायों में समूह, प्रस्थिति, समाजीकरण, स्तरीकरण, सामाजिक परिवर्तन तथा महत्वपूर्ण सामाजिक संस्थाओं, यथा, विवाह, धर्म, राज्य, अर्थव्यवस्था, शिक्षा आदि की मूलभूत अवधारणाओं का समावेश है। क्लिष्ट सिद्धान्तों एवं संबंधों की व्याख्या, वर्णन-विश्लेषण बहुत ही सरल भाषा में रेखाचित्रों व उदाहरणों के साथ किया गया है। पुस्तक के विषयवस्तु की प्रमाणिकता हेतु मूल लेखकों के यथासंभव संदर्भ और विषय की स्पष्ट अभिव्यक्ति एक विशिष्ट विशेषता है। पुस्तक समाजशास्त्र के उच्च कक्षाओं के विद्यार्थियों, विषय में रुचि रखने वाले सामान्य जिज्ञासुओं, एवं विभिन्न राज्य एवं केन्द्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रवेशार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। हिन्दी भाषा में स्तरीय सामग्री का जो अभाव है, यह पुस्तक उस रिक्ति को पूरा करने का एक विनम्र प्रयास है।

CONTENTS
• समाजशास्त्र—एक परिचय
• सामाजिक परिप्रेक्ष्य
• प्रभावी सैद्घान्तिक परिप्रेक्ष्य
• समाजशास्त्र के संस्थापक एवं संवर्धक
• आधारभूत अवधारणाएं
• प्रस्थिति एवं भूमिका
• सामाजिक समूह और औपचारिक संगठन
• समाजीकरण
• सामाजिक स्तरीकरण व सामाजिक गतिशीलता
• सामाजिक नियंत्रण
• सामाजिक परिवर्तन और विकास
• संस्कृति
• धर्म
• परिवार
• विवाह
• नातेदारी
• शैक्षिक व्यवस्था
• आर्थिक व्यवस्था और आर्थिक विकास
• राजनीतिक व्यवस्था

ABOUT THE AUTHOR / EDITOR
राम आहूजा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष एवं सेवानिवृत होने के पश्चात भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद् में वरिष्ठ फेलो रहे। विभिन्न संगठनों (यू.जी.सी., आई.सी.एस.एस.आर., समाज कल्याण मन्त्रालय, भारत सरकार, विश्व बैंक आदि) द्वारा प्रायोजित अनेक अनुसन्धान परियोजनाओं का भी उन्होंने निर्देशन किया। राष्ट्रीय और प्रादेशिक अकादमियों और प्रशासकीय संस्थाओं में लगभग 25 वर्षों से अधिक समय तक अतिथि वक्ता के रूप में जुड़े रहे। आपकी दीर्घ शैक्षणिक व शोध अनुभव के आधार पर 70 से अधिक लेख व शोध पत्रों तथा 20 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इनकी लिखी पुस्तक ’अपराधशास्त्र’ पर वर्ष 1984 में गोविन्दवल्लभ पंत पुरस्कार एवं वर्ष 1998 में कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा ’वायलेंस अगेन्सट वूमेन’ पर सुप्रभादेव गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

मुकेश आहूजा ने राजस्थान विश्वविद्यालय से 1993 में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1994 से एस.एस. जैन सुबोध काॅलेज, जयपुर में समाजशास्त्र विभाग में कार्यरत हैं। अनेक शोध पत्रों के अतिरिक्त पूर्व में उनकी दो पुस्तकें ’विडोज़-रोल अडजस्टमेंट एण्ड वाइअॅलन्स’ और ‘विवेचनात्मक अपराधशास्त्र’ (सह लेखक: डाॅ. राम आहूजा) प्रकाशित हो चुकी हैं।